🌹बुद्धवाणी--
जैसा ताजा दुहा हुआ दूध विपरिणाम को प्राप्त नही करता, वैसे ही पापकर्म का फल तुरंत नही मिलता।
🍁मुर्ख को वह वैसे ही जलाता है जैसे राख से ढंकी आग जलाती है।
राख से ढंकी आग को लोग आग नही समझते, पर छूने पर तो वह जलाती ही है।
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नही जानता मूर्ख,
किये अपने पापो का हाल।
जलता है उनके विपाक पर,
होता है बेहाल।।