Que : मेरे व्यापार (business) में झूठ बोलना जरुरी हो जाता है, व्यवसाय बदल सकूँ, यह भी संभव नहीं तो ऐसे में क्या करें?
उत्तर--ऐसा लगता है की बिना झूठ बोले व्यापार नही किया जा सकता।
परंतु मैंने देखा है की सच्चाई का व्यापार आरम्भ करने में अवश्य थोड़ी कठिनाई आती है, लेकिन अगर दृढ चित्त करके, दृढ निर्णय करके(firm determination) सच्चाई से ही व्यापार करे तो धीरे धीरे बाजार में एक साख जमती है, एक प्रतिष्ठा जमती है की यह आदमी झूठ बोलकर ठगेगा नहीं।
🌷 इससे ग्राहक बढ़ते है, काम बढ़ता है, व्यापार बढ़ता है।
इसलिये इस प्रारंभिक कठिनाई का सामना करने पर अपने आप रास्ता खुलता चला जाएगा।
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🌸गुरूजी क्या व्यापार में बेईमानी से बचना असंभव है? कितनी भी कोशिश कर लूँ, मेरे ईमानदार रहना असंभव है। मुझे मजबूरन बेईमानी का साथ देना पड़ता है। कृपया मार्गदर्शन दें।
उत्तर-केवल पैसा कमाने से शांति नही मिलती। मै इन सब से गुजरा हूँ तो जानता हूँ की अधिक धन बहुत दुःख देता है।
धन हो और धर्म भी हो तो बहुत शांति मिलती है।
शील पालन का प्रयास रहे।
🌷जैसे जैसे धर्म में पकोगे, आसक्ति कम होगी और ईमानदार रहना आसान हो जाएगा।
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Student : In business it is necessary to speak half-truths and sometimes even lies.
Goenkaji explained, “It is our greed that makes us believe that we cannot be totally honest in business.
If one practices Vipassana, one realizes that honesty is really the best policy.
🌷 And as one becomes an honest businessman, the word spreads, and business gets even better.
And this also helps to improve the overall atmosphere in the business world."